मैं नासमझ था समझाने तो कोई आया नहीं मैं नासमझ था समझाने तो कोई आया नहीं
अब द्रौपदी प्रश्न न पूछेगी, उसे खुद प्रश्न बनना होगा कलयुग मैं गिरधर न आयेंगे, उसे स्वयं कृष्ण बनना... अब द्रौपदी प्रश्न न पूछेगी, उसे खुद प्रश्न बनना होगा कलयुग मैं गिरधर न आयेंगे, ...
उठी हुंकार मन मे ऐसी विद्रोह की, जैसे द्रोपती के चीरहरण की पुकार-सी! उठी हुंकार मन मे ऐसी विद्रोह की, जैसे द्रोपती के चीरहरण की पुकार-सी!
लाखों मोमबत्तियां याद में जली उसके, लाखों मोमबत्तियां याद में जली उसके,
कान्हा नाचे फन पर उसके ओर सारा क्रोध उतारे। छोड़ दें अब स्थान यहां का और अपने प्राण कान्हा नाचे फन पर उसके ओर सारा क्रोध उतारे। छोड़ दें अब स्थान यहां का ...
प्रतिदिन ही, उस पर बहुत सारी कविता प्रतिदिन ही, उस पर बहुत सारी कविता